Thursday, October 29, 2009

Sai Baba Ke Gyarah Vachan.



जय सांई राम!!!

ॐ सांई राम!!!

श्री सदगुरू सांईनाथ के ग्यारह वचन~~~

शिरडीस ज्याचे लागतील पाय।
टळती अपाय सर्व त्याचे ॥1॥

शिरडी की पावन भूमि पर पाँव रखेगा जो भी कोई ॥
तत्क्षण मिट जाएँगे कष्ट उसके,हो जो भी कोई ॥1॥

माझ्या समाधीची पायरी चढेल॥
दुःख हे हरेल सर्व त्याचे॥2॥

चढ़ेगा जो मेरी समाधि की सीढ़ी॥
मिटेगा उसका दुःख और चिंताएँ सारी॥2॥

जरी हे शरीर गेलो मी टाकून ॥
तरी मी धावेन भक्तासाठी ॥3॥

गया छोङ इस देह को फिर भी।
दौङा आऊँगा निजभक्त हेतु ॥3॥

नवसास माझी पावेल समाधी॥
धरा द्रढ बुद्धी माझ्या ठायी ॥4॥

मनोकामना पूर्ण करे यह मेरी समाधि।
रखो इस पर विश्वास और द्रढ़ बुद्धि॥4॥

नित्य मी जिवंत जाणा हेंची सत्य॥
नित्य घ्या प्रचीत अनुभवे॥5॥

नित्य हूँ जीवित मैं,जानो यह सत्य॥
कर लो प्रचीति,स्वयं के अनुभव से॥5॥


जय सांई राम!!!

ॐ सांई राम!!!

शरण मज आला आणि वाया गेला॥
दाखवा दाखवा ऐसा कोणी॥6॥

मेरी शरण में आ के कोई गया हो खाली।
ऐसा मुझे बता दे,कोई एक भी सवाली॥6॥

जो जो मज भजे जैशा जैशा भावे॥
तैसा तैसा पावे मीही त्यासी॥7॥

भजेगा मुझको जो भी जिस भाव से॥
पाएगा मुझको वह उसी भाव से॥7॥

तुमचा मी भार वाहीन सर्वथा ॥
नव्हे हें अन्यथा वचन माझे॥8॥

तुम्हारा सब भार उठाऊँगा मैं सर्वथा॥
नहीं इसमें संशय,यह वचन है मेरा॥8॥

जाणा येथे आहे सहाय्य सर्वांस॥
मागे जे जे त्यास ते ते लाभे॥9॥

मिलेगा सहाय यहाँ सबको ही जाने॥
मिलेगा उसको वही,जो भी माँगो॥9॥

माझा जो जाहला काया वाचा मनीं ॥
तयाचा मी ऋणी सर्वकाळ॥10॥

हो गया जो तन मन वचन से मेरा॥
ऋणी हूँ मैं उसका सदा-सर्वथा ही॥10॥

साई म्हणे तोचि, तोचि झाला धन्य॥
झाला जो अनन्य माझ्या पायी॥11॥

कहे सांई वही हुआ धन्य धन्य।
हुआ जो मेरे चरणों से अनन्य॥11॥

॥श्री सच्चिदानन्द सदगुरु साईनाथ महाराज की जय ॥

॥ॐ राजाधिराज योगिराज परब्रह्य सांईनाथ महाराज॥

॥श्री सच्चिदानन्द सदगुरु साईनाथ महाराज की जय ॥


जय सांई राम!!!

No comments:

Post a Comment